Wednesday, February 18, 2015

आशा की पराकाष्ठा

आशा तो छोटी सी भी हो, उम्मीदभरी होती है। और बड़ी आशा का तो कहना ही क्या ?
एक बार एक शिक्षक ने क्लास में पढ़ाते हुए अपने विद्यार्थियों से पूछा-"आशा का सबसे बड़ा उदाहरण क्या है?"
एक छात्र ने कहा-"सर, दुनिया में कैसे भी व्यक्ति का निधन हो जाय, यही कहा जाता है कि  वह स्वर्गवासी हो गया, अर्थात सबको यही आशा होती है कि  हर मरने वाला स्वर्ग ही जायेगा, जबकि दुनिया में लगभग अस्सी प्रतिशत लोगों के कार्य अपने जीवन में ऐसे नहीं होते कि  उन्हें स्वर्ग में स्थान मिल सके।"
शिक्षक ने कहा-"ठीक है, ठीक है, पर कोई ऐसा उदाहरण दो जिससे तुम्हारे मन की आशा का पता चलता हो, जिसमें तुम्हारे ह्रदय का उल्लास छलकता हो, जिसकी कल्पना-मात्र ही तुम्हें बाग-बाग कर डाले।"
एक और छात्र ने कहा-"सर,आपकी क्लास ख़त्म होने में केवल एक मिनट शेष है।"
पूरी कक्षा विद्यार्थियों की उल्लास भरी किलकारियों से गूँज उठी।      
  

2 comments:

हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...