Tuesday, May 21, 2013

ऐसा क्यों होता है

जब किसी देश का कोई बड़ा नेता किसी दूसरे  देश के दौरे पर जाता है, तो मीडिया का ध्यान उस देश से सम्बंधित सभी मुद्दों पर तेज़ी से जाने लगता है। न जाने क्यों, मीडिया भी अब ऐसा ही समझने लगा है कि  उसकी भूमिका वहीँ है जहाँ कुछ अनहोनी हो जाये। सामान्य ढंग से चलते कामकाज के समय मीडिया अपने को लाचार पाता है।और अब एक लाचारी ये है, कि  मीडिया खूब सघन है। ऐसे में यदि कुछ न हो तो वह क्या करे।
आज जब हम ये ख़बरें पढ़ रहे हैं कि  भारत और चाइना के बीच विकास के करार हो रहे हैं, सद्भाव के प्रयास हो रहे हैं, तो इसका कारण यही है कि  वहां के प्रधानमन्त्री हमारे बीच आये। कुछ दिन पहले ये ख़बरें  भी हम इसीलिए पढ़ पा रहे थे, कि  चाइना ने हमारे क्षेत्र में घुसपैठ कर ली है।
हम चाइना की वस्तुओं की तरह आपसी संबंधों को भी मुहावरा बनाने से रोक सकें, ये ज़िम्मेदारी भी मीडिया को लेनी चाहिए।

1 comment:

हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...