Wednesday, August 15, 2012

इतिहास बदलने की अनुमति है [छह ]

जिजीविषा - लेकिन विस्मय, तुम यह भी तो सोचो कि दूसरों की प्राण-रक्षा के लिए अपनों का बलिदान करना भी तो एक महान काम है।
सभी बच्चों का सम्मिलित स्वर - नहीं - नहीं, ममता बचाओ मंच जिंदाबाद !
[बच्चे शोर करने लगते हैं। काल प्रहरी उन्हें शांत करने की कोशिश करता है ]
पहरेदार  - शोर मत करो, शांत हो जाओ, शांत ...
लड़का - यहाँ शोर करने से क्या फर्क पड़ेगा ? सब मुर्दे ...
पहरेदार  - [मुंह पर अंगुली रख कर ] चुप !यह इतिहास की दीवार है, यहाँ सब खामोशी से सो रहे हैं, चुप रहो,
जिजीविषा - अच्छा बच्चो, मेरी बात सुनो, हम सब मिल कर ममता को बचाने का काम करेंगे। पर पहले हम यह पता लगायेंगे कि  अपने देश के होने वाले राजा को बचाने के लिए पन्ना ने खुद के बेटे की बलि देने का जो काम किया वह सही था या गलत !
बच्चों का स्वर - कैसे ..कैसे, कैसे पता लगायेंगे ?
[तभी दीवार से एक ईंट गिरती है, और लाल रोशनी दिखाई देने लगती है। काल प्रहरी चिल्लाता हुआ इधर-उधर भागने लगता है। भगदड़ मच जाती है। जिजीविषा और बच्चे भी गिरते- पड़ते भागते हैं। चारों ओर  "बचाओ-बचाओ" की आवाजें गूंजने लगती हैं। ] 

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