Thursday, August 9, 2012

तीन दिन का अनशन किसका क्या बिगाड़ेगा ?

आज शहीद दिवस है. यदि जिन शहीदों की याद  में यह दिवस मनाया जाता है ,वे आज होते तो ज़रूर सोचते कि हमें मान और जान बचाना न आया ! योजनाबद्ध शहादत किसको और कब रिझाती है ,देखना होगा .हमारा यह मतलब नहीं हैं कि लोग प्राण त्यागने को तत्पर हो जाएँ ,हमारा मतलब तो यह है कि संचार की सुगमता के इस युग में एक दूसरे की बात एक दूसरे  तक और किसी तरीके से क्यों न पहुंचे ? हम राम और गाँधी जैसे नामों को हा-हुल्लड़ का पर्याय बना कर ही छोड़ेंगे ? 

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